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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

मेरा नववर्ष और 2014 का विश्लेषण

2014 थोड़े समय बाद ही अपने साथ कई खट्टी मिट्ठी यादें लेकर विदा हो जायेगा ये वर्ष मेरे जीवन का क्रांतिकारी वर्ष रहा जनवरी की शुरु में एक छोटे से जिले बस्ती (उत्तर प्रदेश) से शुरू हुआ सफर ने धीरे धीरे चलते हुए देश की राजधानी दिल्ली में आकर पड़ाव डाला अनगिनत मुश्किलों ने रास्ता रोकने की कोशिश की लेकिन असंख्य सहयोग के हाथ उठ गए उन मुश्किलो से बचाने के लिए 28 मई 2014 को अयोध्या से निकल पड़ा था दिल्ली की ओर विकलांग अधिकार यात्रा लेकर तब साथ में थे केवल सहयोगी के रूप में एक अभिन्न साथी अमर शर्मा और एक मोटरसाइकिल जिससे पूरे डेढ़ माह तक करीब 1800 km का सफर तय किया गया मित्रो लखनऊ उन्नाव बुंदेलखंड जालौन झाँसी कानपूर आगरा एटा इटावा कोंच मैनपुरी फरुखाबाद मथुरा आगरा सिकन्दराबाद नोयडा गाजियाबाद होते हुए 15 जुलाई को दिल्ली पहुँचते पहुचँते हज़ारो मित्र साथ जुड़ चुके थे यात्रा के दौरान Deepak Sharma Vishwakarma Narendra Agrawal Ved Prakash Sharma Ankit Vishwakarma JyotishAbvm UP का भरपूर सहयोग मिला दिल्ली आने पर श्री अरुण राय जी द्वारा आवास की समस्या का उचित समाधान किया गया परन्तु दिल्ली आकर शांत बैठ जाना उचित नही लगा कुछ समय विश्राम के बाद पुनः नई ऊर्जा के साथ 28 सितम्बर 2014 को जंतर मंतर पर विकलांग/विशेष शिक्षक पंचायत का आयोजन किया गया इस पंचायत के आयोजन में Sonu Bhola Iedspecial Teachear Sangh Pt Vikas Sharma K K Dixit Gr Pradeep Raj Vijay Kumar Parveen RanaShivkesh Tiwari जी का भरपूर सहयोग मिला परन्तु पंचायत की कम संख्या और कुछ निराशा वादी बातो नें थोडा हताश कर दिया था उसी पंचायत में आये Hector Ravinder Dutt जी से बात हुई उसके बाद तो जैसे निराशा कोसो दूर भाग गयी बस फिर क्या था जैसे हौसलो को पंख लग गए सगंठन खड़ा होने लगा और बहुत उम्दा तरीके से बढ़ने लगा फिर शुरू हुआ अच्छे और काबिल मित्रो का साथ मिलना जिसमे Dinesh ChanderTushar Bhalerao Jagdish Gadhavi Baswaraj Paike Sandeep Arora Kodakkal ShivaprasadMahesh Angadi DrAjaypal Singh KansanaMohammad Uved Muazzam Avinash Tripathi आदि शामिल थे और ASEAP के साथ मिलकर NPDRD को आगे ले जाने का क्रम शुरू हो गया दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारणी की सभा की गयी कई प्रदेश के प्रतिनिधियो ने इसमें भाग लिया सामाजिक कार्य की इस कड़ी में Balraj Vishnoi Amruth Reddy Jitendra Kumar Biswal Rajnish Kumar Arya Roli Tiwari Mishra Kalpagiri Sreenu Arun SarafRohit Choudhary Praveen Choudhary TigerPragya Pathak Sharma Sanjay Pratap Jaiswal Mla जैसे महानुभावो से काफी कुछ सीखने को मिला 3 दिसम्बर को विकलांग दिवस पर विकलांगजनो पर हुए अमानवीय कृत्य की निंदा के साथ 10 दिसम्बर को विरोध दिवस मनाने के आह्वान का व्यापक असर दिखाई दिया सैकड़ो साथियो ने अपनी फेसबुक और व्हाट्सअप प्रोफाइल फ़ोटो को एक दिन के लिए काला किया और हज़ारो मित्रो ने ज़मीन पर विरोध प्रदर्शन किया इसी बीच मथुरा और इटावा जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ मथुरा मेंChoudhary Vpsingh मित्र ने जैसा स्वागत सत्कार किया वो याद कर के आज भी मन रोमांचित हो जाता है इटावा में भी विकलांगजनो के अधिकार की बात उठाने का मौका मिला इस बीच स्वास्थ कुछ ख़राब हुआ मित्रो ने जिस तरह से अपनेपन के साथ हालचाल पूछा और सलाह दी उससे मन अत्यंत हर्ष से भर गया कुछ और मित्रो की चर्चा न करू तो बात अधूरी रह जायेगी उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री भाई Abbas Ali Zaidi Rushdi का आशिर्वाद हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बना रहा और उनके द्वारा शुरू की गयी प्रतियोगिता ने दिल जीत लिया इसी तरह महिला मित्र का आशीर्वाद स्नेह और मार्गदर्शन भी मिलता रहा और इस पुरे अभियान में मेरे साथ कंधे से कन्धा मिलाकर कर चलती रही मेरी जीवनसंगनी Jyoti Sharma जिनके साथ के वगैर एक पग चलना भी मुमकिन नही था 
जिन मित्रो का जिक्र छूट गया है वो सब मेरे दिल में हैं अनमोल हीरे की तरह 
बस इतनी सी चाह है अपना प्यार आशीर्वाद अपनापन 2015 में भी बनाये रखे और वादा है आप सभी से सदैव अपना 100% दूंगा 
आप का साथ घडी घडी हरबार मिलता रहे
विश्वास बना रहे एतबार मिलता रहे 
नहीं चाहिए कुछ भी ये ख़ुदा तुझसे 
बस मुझे मेरे अपनों का प्यार मिलता रहे 
देव शर्मा

नये साल का अभिनन्दन है

नये साल का अभिनन्दन है...
नये साल का स्वागत करके, नूतन आस जगाने दो।
कल क्या होगा, कौन जानता, मन की प्यास बुझाने दो।

क्या खोया, क्या पाया कल तक, अनुभव के संग ज्ञान यही।
इसी ज्ञान से कल हो रौशन, यह विश्वास बढ़ाने दो।

जो न सोचा, हो जाता है, नहीं हारते वीर कभी।
सच्ची कोशिश, प्रतिफल अच्छा, बातें ख़ास बताने दो।

कल आयेगा, बीता कल भी, नहीं किसी पर वश अपना।
अपने वश में वर्तमान बस, यह आभास कराने दो।

जितने काँटे मिले सुमन को, बढ़ती है उतनी खुशबू।
खुद का परिचय संघर्षों से, यह एहसास कराने दो।

बुधवार, 10 दिसंबर 2014

विरोध दिवस क्यों

जयहिंद सबसे पहले उन सभी महानुभाव का अभिनन्दन जिन्होंने परोक्ष या अपरोक्ष रूप से आज विरोध दिवस में भाग लिया और कई स्थानों पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करके ज्ञापन दिए कुछ जगह आज मानवाधिकार दिवस पर विकलांगजनो के अधिकारो के हनन पर अपनी बात रख कर मजबूती प्रदान की गयी मित्रो आज के विरोध दिवस का औचित्य क्या था पहले ये स्पष्ट कर लिया जाय मित्रो विकलांग दिवस के दिन ही भारत देश के विभिन्न हिस्सों में विकलांग जनो के साथ अमानवीय अत्याचार किये गए जिसका विरोध करने के लिए विकलांग जनो की आवाज को मजबूती देने के लिए इस विरोध दिवस का आयोजन किया गया था हम सभी अपने मकसद में कामयाब रहे जहाँ फेसबुक पर अधिकतर विकलांग मित्रो ने अपनी प्रोफाइल पर black बैनर लगा कर विरोध जताया वही कई स्थानों पर प्रदर्शन करके ज्ञापन दिया गया मित्रो कुछ लोगो को लगा इससे क्या होगा दोस्तों कोई भी क्रांति ऐसे नही आती कई छोटे छोटे चरणबद्ध कार्यो के बाद एक महान क्रांति होती है ये विरोध प्रदर्शन तो क्रांति के हवन में आहुति है और तैयारी भी अब समय नजदीक है विकलांगजन अपने अधिकारो के प्राप्ति के लिए निर्णायक अभियान के दौर में है हमें बहुत सावधान रहने की जरुरत है फूट डालने वाले भड़काने वाले अभियान में विघ्न डालने वालो को पहचानिये और उन्हें दूर से नमस्कार करिये मित्रो आने वाला एक वर्ष विकलांग जनो के लिए एक नया इतिहास लिखेगा हम जीतेंगे अपनी लड़ाई
विकलांग जन आजादी के समय से आज तक छले गए है विकलांग जनो के अधिकारो के लिए भारत देश में कई विकलांग समाजसेवी रातदिन कार्य कर रहे उन सबको सलाम उनकी मेहनत लगन को सलाम मित्रो बस अब आप कमर कस लीजिये अपने आस पास के विकलांग जनो को एकत्र कीजिये उन्हें जागरूक बनाइये और तैयार कीजिये विकलांग सेना
जयहिंद विकलांग एकता जिंदाबाद

सोमवार, 8 दिसंबर 2014

विकलांग जन की एकता

प्रिय मित्रो विकलांग जनो की हालात आज दयनीय से दयनीय होती जा रही है कहने को तो कानून ही कानून ही विकलांगजनो के लिए पर सच बताईये क्या किसी का एक प्रतिशत लाभ भी मिल रहा जरा गौर करिये किसी और वर्ग के लिए अलग नियम बनते ही लागू और लाभ मिलना शुरू चाहे sc st एक्ट हो महिला से सम्बंधित कानून हो परन्तु विकलांग जनो को अपने लिए ही बने कानून को लागू करवाने के लिए अदालत का सहारा लेना पड़ता है जैसे कल हमारे मित्र और विकलांग अधिकारो के प्रति संघर्षरत श्री बलराज विश्नोई जी ने कहा की विकलांगो को मिला है तो आश्वासन पर आश्वासन और तारीख पर तारीख मैं सहमत हूँ उनकी बात से आप बताईये सरकार विकलांगो के प्रति इतनी उदासीन क्यों है क्यों नही गंभीरता से लेती विकलांग जनो को ,मित्रो सबसे बड़ा कारण हम आप ही हैं मित्रो हम कब समझेंगे की हम अलग अलग कुछ भी नही कर सकते कुछ भी हासिल नही होगा हर कोई अपनी ढपली अपना राग करेगा तो क्या होगा हर किसी का अपना मापदंड अपना तरीका अपना संगठन तो विकलांग कहा गए विकलांगो का एकीकरण कहा गया मित्रो आज जरूरत है एक होने की किसी और के लिए नही अपने लिए तो एक हो जाइए अपने अपने संगठन चलिए अपनी नीतियां भी चलिए पर विकलांगो के कल्याण के राष्ट्रव्यापी मुद्दों पर तो अपना स्वार्थ और मेरा पराया छोड़ सकते है उत्तराखंड के संदीप अरोरा जी विकलांग अधिकारो के प्रति समर्पित है उन्हें भी इस बात का मलाल है मित्र हर वो विकलांग जो अपने अधिकारो को चाहता है वो एकता के पक्ष में है बस जरूरत है हमे आपको आगे बढ़ कर कार्य करने की वरना उनके पास तो 10 लोग है उनके पास तो 100 है मेरे पास हज़ार है इसी में हम फसे रह जायेंगे मित्रो सब हमारे है हम सबके है ये ठान लीजिऐ
आईये एक साथ हुंकार भरे विकलांग एकता जिंदाबाद

बुधवार, 3 दिसंबर 2014

हल्ला बोल

शर्म ....शर्म..... शर्म....ऐसी व्यवस्था ऐसी शासन प्रणाली पर शर्म आती है हमें कल जब विकलांग दिवस था और सरकार विकलांगो के कल्याण का ढिढोरा पिट रही थी ठीक उसी समय हमारे विकलांग भाई सरकारी उत्पीडन का शिकार हो के धक्के और लाठियां खा रहे थे विहार में राज्यपाल से मिलने जा रहे विकलांगो को रोका गया और बल प्रयोग करके सरकारी धाक दिखाने का प्रयास किया गया विकलांग जन कल से वहां अमरण अनशन पर बैठे है किसी भी राजनेता ने उनकी सुध नही ली और सब के सब तथाकथित विकलांग दिवस के कार्यक्रम में व्यस्त रहे दूसरी और राजधानी दिल्ली में दृष्टिहीन विकलांग भाई बहनों पर प्रशासन का कहर बरपाया गया उन्हें घसीटा और पीटा गया और सरकारी विकलांग दिवस के कार्यक्रम में सरकारी अमला विकलांगो के लिए नई दुनिया बनाने का ख्वाब दिखाते रहे 
वही उत्तरप्रदेश में अपनी मांगों को लेकर निकले विकलांग जनों ने अपनी बात न सुने जाने पर जब विरोध प्रकट करना चाहा तो पुलिस द्वारा उनको दौड़ाया और पीटा गया उत्तराखंड में भी विकलांग जन अपनी मांगो को लेकर सडको पर सन्घर्ष करते नजर आये
आखिर कब तक विकलांग जनों का इस तरह शोषण किया जायेगा कब तक विकलांग जन चुप्पी साधे रहेंगे मित्रो अब हमे जगना होगा नही तो वो दिन दूर नही जब हम पूरी तरह सरकारी दमन द्वारा दबा दिए जायेंगे अब बस बहुत हुआ नही चाहिए तुम्हारी पेंशन, नहीं चाहिए तुम्हारे भीख में दिए उपकरण, नहीं चाहिए तुम्हारे सरकारी पुरस्कार, नही चाहिए तुम्हारे खोखले कानून ,नहीं चाहिए तुम्हारे झूठे वादे , बस अब चाहिए हमें अपना अधिकार .......अधिकार.......और बस अधिकार 
आप सभी विकलांग भाइयो बहनों से निवेदन है अब बस हल्ला बोल

मंगलवार, 2 दिसंबर 2014

विकलांग दिवस पर आह्वान

जागो अब विकलांग पुकारे हिन्दुस्तान
मत सहो अपमान पुकारे हिन्दुस्तान
होता रहा हैं अत्याचार नही मिला कोई अधिकार
शिक्षा नही मिली है हमको नही मिला कोई रोजगार
अधिकार हमारे हमको दो बोलो मुट्ठी तान पुकारे हिन्दुस्तान
जागो अब............
बैसाखी पेंशन के चक्कर में रोजी रोटी भूल गए 
तिरस्कार मिला हमेशा जब भी हम स्कूल गए
पढना लिखना हम भी चाहे और बनना विद्वान पुकारे हिन्दुस्तान
जागो अब ...........
विकलांगो के नाम पर कईयों को रोजी रोटी चलती है 
बेदर्द ये दुनिया हमको हर इक मोड़ पर छलती है
बेईमानी को नही सहेंगे भागेगा बेईमान पुकारे हिन्दुस्तान
जागो अब.........
राजनीति में आरक्षण की मांग बहुत पुरानी है 
पंचायत से संसद तक खुद अपनी नीति बनानी है
सपने अपने करने पूरे तो लगा दो पूरी जान पुकारे हिन्दुस्तान
जागो अब............